इस माता के मंदिर में पहले करनी पड़ेगी चोरी, फिर ही मिलेगा पूजा का फल - BOLLYWOOD NEWS

Saturday, November 7, 2020

इस माता के मंदिर में पहले करनी पड़ेगी चोरी, फिर ही मिलेगा पूजा का फल

बड़े-बड़े चोर भी भगवान के घर चोरी करने से डरते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में एक ऐसा मंदिर भी है, जहां पर मंदिर में चोरी करने से ही सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह सुनकर शायद आप हैरान हो गए होंगे, लेकिन भला यही सच है। दरअसल, इस धार्मिक स्थान पर अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए लोगों को चोरी करनी होती है। वैसे हर किसी बच्चे को उनके माता-पिता बचपन से चोरी ना करने की शिक्षा देते हैं। लेकिन देवभूमि उत्तराखंड के इस मंदिर की कहानी इससे जरा हटके है।

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1805 बनाया गया यह मंदिर
उत्तराखंड के चुड़ियाला गांव में सिद्धपीठ चूड़ामणि देवी का मंदिर एक ऐसा मंदिर है, जिसमें चोरी करने के बाद ही सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। गांव के लोगों के मुताबिक इस मंदिर का निर्माण 1805 में लंढौरा रियासत के राजा द्वारा कराया गया था। ऐसा कहा जाता है कि राजा एक बार शिकार करने के लिए जंगल गए तो वहां उन्हें माता की पिंडी के दर्शन हुए। राजा का कोई पुत्र नहीं था। राजा ने उसी समय माता से पुत्र प्राप्ति का वरदान मांगा। उनकी यह मुराद पूरी हो गई। मन्नत पूरी होने पर राजा ने इस मंदिर का निर्माण करवाया। तभी से इस मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।

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लकड़ी का गुड्डा करना पड़ता है चोरी
इस माता के मंदिर में लोग पुत्र प्राप्ति के लिए दूर-दूर से दर्शन करने के लिए आते हैं। मान्यता यह है कि अगर आप पुत्र की चाह रखते हैं तो ऐसे में आपको मंदिर में आकर माता के चरणों में रखा लोकड़ा चोरी करके अपने साथ ले जाएं तो आपके घर में बेटा पैदा होता है। आपको बता दें कि लोकड़ा लकड़ी का गुड्डा होता है। बेटा होने के बाद आपको एक बार फिर माता के मंदिर में माथा टेकने आना पड़ता है।



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