हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का व्रत होता है। अखंड सौभाग्य के इस व्रत को लेकर महिलाएं काफी उत्साहित रहती है। इस दिन महिलाएं अपनी पति लंबी आयु के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती है। इस दिन पौराणिक रीति रिवाज के साथ उपवास जाता है। सभी विवाहित स्त्रियां इस व्रत का इंतजार करती हैं। ये सभी महिलाएं इसको बड़े श्रद्धा-भाव से पूरा करती हैं। करवाचौथ का त्योहार पति-पत्नी के मजबूत रिश्ते, प्यार और विश्वास का प्रतीक है। इस व्रत के विशेष नियम है, जिनका पालन करना अनिर्वाय है। ऐसी मान्यता है कि भूलकर भी इन नियमों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। अन्यथा व्रती महिलाओं को व्रत का फल नहीं मिलता है।
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दान में ना दें ये चीजें
करवा चौथ व्रत के दिन दान जरूर देना चाहिए। भूलकर भी उजले, भूरे या काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। साथ ही इस दिन किसी को भी दूध, दही, चावल या उजला वस्त्र दान नहीं करना चाहिए। अपने से बड़ों का आशीर्वाद लेना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इससे पति की आयु लंबी होती है।
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मन में ना लाए ऐसे विचार
अखंड सौभाग्य व्रत के दौरान अपने पति के अलावा किसी दूसरे पुरुष के बारे में अपने मन में ख्याल नहीं लाना चाहिए। इसके साथ ही किसी अन्य सुहागन स्त्री को भला-बुरा या शाप देने की गलती भी नहीं करनी चाहिए।
ये काम बिल्कुल ना करें
ऐसी मान्यता है कि करवा चौथ के दिन सिलाई-कढ़ाई और कटाई नहीं करना चाहिए। इन सब कामों के लिए कैंची का प्रयोग भी नहीं करते है। करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं को इस दिन समय बिताने के लिए ताश के पत्ते खेलना, चुगली करना और सोना जैसे काम नहीं करना चाहिए।
ऐसा भोजना नहीं करें
सबसे खास बात करवा चौथ के दिन भूलकर भी मांस, मछली, अंडा और मुर्गा आदि तामसिक भोजन करना वर्जित है। ध्यान रखें इस नियम का पालन केवल व्रती महिलाओं को ही नहीं बल्कि उनके पतियों को भी करना चाहिए।
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