नई दिल्ली। कार्तिक मास की शुरूआत 1 नवंबर से होने वाली है जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। शास्त्रों में बताया गया है कि जो लोग इस पूरे माह में पूरे नियम के साथ भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करते है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। उसके सभी कष्ट खत्म हो जाते है। इसलिए कार्तिक मास में सात नियमों का पालन करना जरूरी होता है। माना जाता है कि इन नियमों के पालन से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
- कार्तिक मास में तुलसी पूजा का विशेष महत्व होता है कहते हैं कि कार्तिक मास में तुलसी के सामने दिया जलाने से हर मनोकामना पूरी होती है। पूजा का महत्व कई गुना बढ़ जाता है।
- कार्तिक मास में धरती पर सोना काफी अच्छा माना गया है भूमि पर सोने से मन में पवित्र होता है और विचार भी अच्छे आते हैं।
- पूरे कार्तिक मास में शरीर पर तेल लगाना वर्जित है। इस मास में सिर्फ एक दिन नरक चतुर्दशी (कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी) पर ही तेल लगाया जाता है।
- कार्तिक मास में दीपदान जरूर करें। माना जाता है कि इस महीने में नदी, पोखर, तालाब आदि में दीपदान करने से शुभ फल प्राप्त होता है।
- कार्तिक मास में खान-पान से संबंधित भी कुछ नियम हैं. इस महीने दलहन (दालों) को खाना निषेध होता है। उड़द, मूंग, मसूर, चना, मटर, राई आदि ङी नहीं खाना चाहिए।
- कार्तिक मास में पूरे तीस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इस माह में ब्रह्मचर्य का पालन न करने से अशुभ फल प्राप्त होता है।
- कार्तिक मास में संयम बरतें, किसी तरह के झगड़े, विवाद में न पड़े।
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