श्री गणेश को दिन के अनुसार लगाएं भोग और जानें ऋषि पंचमी के शुभ मुहूर्त - BOLLYWOOD NEWS

Sunday, August 23, 2020

श्री गणेश को दिन के अनुसार लगाएं भोग और जानें ऋषि पंचमी के शुभ मुहूर्त

विघ्नहर्ता गणपति का दस दिनों का उत्सव 22 अगस्त से आरंभ हो गया है। इस 10 दिन तक चलने वाले उत्सव में भक्त श्री गणेश की विशेष पूजा करते हैं। साथ ही अनंत चतुर्दशी के दिन उनका विर्सजन किया जाता है। कहा जाता है कि गणपति जी को दस दिन तक अलग-अलग भोग अर्पित करने चाहिए। इससे परिवार पर कृपा बरसती रहती है। यहां हम आपको गणपति जी के 10 प्रिय भोग के बारे में बता रहे हैं जो आप उन्हें अर्पित कर सकते हैं।

ये हैं श्री गणेश जी के 10 प्रिय भोग:

मोदक: यह गणेश जी का प्रिय भोग है। यह पहले दिन आप गणपति जी को मोदक का भोग लगाएं। नारियल और गुड़ का मोदक उन्हें सर्वप्रिय है।

मोतीचूर के लड्डू: ये लड्डू गणपति जी के साथ-साथ उनके वाहन मूषकराज को भी बहुत पसंद है। शुद्ध घी से बने बेसन के लड्डू को गणपति जी को दूसरे दिन अर्पित करें।

नारियल चावल: तीसरे दिन गणपति जी को नारियल वाले चावल अर्पित करें। यह भी उन्हें बेहद पसंद है। नारियल के दूध में चावल को पकाकर भोग लगाएं।

पूरण पोली: चौथे दिन भगवान को भोग लगाने के लिए पूरण पोली अच्छी है। यह गणपति जी का प्रसाद भी है। इसे गणेश जी के समक्ष अर्पित करें।

श्रीखंड: गणेश जी के पूजन में श्रीखंड सबसे प्रिय भोग माना जाता है। आप चाहें तो श्रीखंड के अलावा पंचामृत या पंजरी का भी भोग भी लगा सकते हैं। यह भोग पांचवें दिन लगाएं।

केले का शीरा: छठे दिन भगवान को पके हुए केले का शीरा भोग लगाए। इसे मैश कर सूजी और चीनी में मिलाएं। यह गणपति जी को बेहद पंसद है।

रवा पोंगल: सातवें दिन गणपति जी को रवा पोंगल का भोग लगाए। इसे रवा यानी सूजी और मूंग की दाल को पीस कर बनाया जाता है। इसमें घी और ढेर सारे मेवे भी डाले जाते हैं।

पयसम: आठवें दिन इसे गणपति जी को भोग लगाएं। यह खीर का ही एक प्रकार है। यह भोग गणेश जी को बहुत पसंद है।

शुद्ध घी और गुड़: नौंवे दिन गणपति जी को शुद्ध घी में पका हुआ गुड़ भोग लगाएं। ये उन्हें बेहद पसंद है। इसमें छुआरे और नारियल भी मिलाया जा सकता है।

छप्पन भोग: दसवें दिन गणेश जी के सभी पसंदीदा भोग बनाएं। इसका नाम छप्पन भोग इसलिए है क्योंकि इनकी संख्या 56 होती है। इन 56 भोगों में आप कोई भी भोग बना सकते हैं।

गणेश उत्सव के दस दिनों की इस साधना को यदि सफल बनाना है तो एक बात का और ध्यान रखना जरूरी है। ज्योतिष के जानकार पंडित सुनील शर्मा के अनुसार गणेश उत्सव भाद्रपद मास की चतुर्थी से चतुदर्शी तक यानी दस दिनों तक चलता है।

गणेश चतुर्थी के दिन लोग गणपति बप्पा की घर में स्थापना करते हैं। इन दिनों भगवान को कई तरह के भोग लगाएं जाते हैं। राशि के अनुसार गणेश जी को भोग लगाकर उनकी विशेष कृपा पा सकते हैं।

ये हैं राशि के अनुसार भाेग...

- मेष राशि वाले जातक गणपति बप्पा को छुआरा और गुड़ के लड्डू का भोग लगाएं।

- वृषभ राशि वाले जातक गणपति जी को मिश्री या नारियल से बने लड्डू का भोग लगाएं।

- मिथुन राशि वाले लोग गणपति महाराज को मूंग के बने लड्डू का भोग लगाएं।

- कर्क राशि वाले मोदक, मक्खन या खीर का भोग लगाएं।

- सिंह राशि वाले कृपा पाने के लिए जातक गुड़ से बने मोदक या छुआरे का भोग लगाएं।

- कन्या राशि वाले हरे फल या किशमिश का भोग लगाएं।

- तुला राशि वाले मिश्री, लड्डू और केला का भोग लगाएं।

- वृश्चिक राशि वाले लोग गजानन महाराज को छुआरा और गुड़ के लड्डू का भोग लगाएं।

- धनु राशि वाले लोग भगवान गणेश को लगाएं मोदक और केला का भोग लगाएं।

- मकर राशि वाले लोग तिल के लड्डू का भोग लगाएं।

- कुंभ राशि वाले लोग गणपति महाराज को गुड़ के बने लड्डू का भोग लगाएं।

- मीन राशि के जातक लोग बेसन के बने लड्डू, केला और बादाम का भोग लगाएं।

auspicious time of Rishi Panchami 2020

ऋषि पंचमी, जानें शुभ मुहूर्त, राहुकाल एवं दिशाशूल...
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। इस बार यह 23 अगस्त 2020, रविवार के दिन है। ऋषि पंचमी के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और सप्तऋषियों के साथ गणेश जी की पूजा करती हैं। ऐसी मान्यता है कि ऋषि पंचमी का व्रत करने से रजस्वला के दोष दूर होते हैं। आज रविवार का दिन है, आज के दिन आप सूर्य देव की आराधना करें। इससे कुंडली में सूर्य की स्थिति आपके लिए बेहतर होती है। आज के पंचांग में शुभ मुहूर्त, राहुकाल, दिशाशूल के अलावा सूर्योदय, सूर्यास्त, चंद्रोदय, चंद्रास्त आदि के बारे में भी जानकारी दी जा रही है।

आज का पंचांग...

दिन: रविवार, भाद्रपद मास, शुक्ल पक्ष, पंचमी तिथि।

आज का दिशाशूल: पश्चिम।

आज का राहुकाल: शाम 04:30 बजे से 06 बजे तक।

आज का पर्व एवं त्योहार: ऋषि पंचमी।

विक्रम संवत 2077 शके 1942 दक्षिणायण, उत्तर गोल, वर्षा ऋतु भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की पंचमी 17 घंटे 05 मिनट तक, तत्पश्चात् षष्ठी चित्रा नक्षत्र 17 घंटे 06 मिनट तक, तत्पश्चात् स्वाती शुभ योग 06 घंटे 49 मिनट तक, तत्पश्चात् शुक्ल, कन्या में चंद्रमा 06 घंटे 07 मिनट तक तत्पश्चात् तुला में।

सूर्योदय और सूर्यास्त

23 अगस्त को सूर्योदय सुबह 05 बजकर 55 मिनट पर और सूर्यास्त शाम को 06 बजकर 52 मिनट पर होगा।

चंद्रोदय और चंद्रास्त

आज ऋषि पंचमी के दिन चंद्रोदय सुबह 10 बजकर 12 मिनट पर होगा। चंद्र का अस्त रात को 10 बजकर 03 मिनट पर होगा।

आज का शुभ समय

अभिजित मुहूर्त: दिन में 11 बजकर 35 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक।

रवि योग: आज शाम को 05 बजकर 06 मिनट से 24 अगस्त को सुबह 05 बजकर 35 मिनट तक।

अमृत काल: आज दिन में 11 बजकर 16 मिनट से दोपहर 12 बजकर 43 मिनट तक।

विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 33 मिनट से दोपहर 03 बजकर 25 मिनट तक।

आज भाद्रपद शुक्ल पंचमी है। आज रविवार के दिन कुंडली में सूर्य के दोष निवारण के लिए उपाय किए जाते हैं। वहीं, ऋषि पंचमी के अवसर पर विधि विधान से पूजा के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान दक्षिणा दिया जाता है। आज आप कोई नया कार्य करना चाहते हैं तो शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें।



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